
विवाह के बाद की पहली लोहड़ी का विशेष महत्व होता है । इसके साथ संतान के जन्म की लोहड़ी भी विशेष रूप से मनाई जाती है । लोहड़ी से जुड़े लोकगीत गाकर लोहड़ी मांगने की परंपरा भी है ।
लोहड़ी का पर्व वैसे तो पंजाब का प्रमुख त्योहार है लेकिन उत्तर भारत में भी इसे धूमधाम से मनाया जाएगा । ये पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है । पंजाबी समाज के लोग घरों के दरवाजे पर लोहड़ी प्रज्वलित कर मुंगफली, मक्के फुलके व तिल की रेवड़ी अर्पित सुख- समृद्धि की कामना करेंगे । विवाह के बाद की पहली लोहड़ी का विशेष महत्व होता है । इसके साथ संतान के जन्म की लोहड़ी भी विशेष रूप से मनाई जाती है । लोहड़ी से जुड़े लोकगीत गाकर लोहड़ी मांगने की परंपरा भी है । इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी की है । इसीलिए कई लोग लोहड़ी का पर्व 13 और जनवरी दोनों दिन मना रहे हैं ।
देश के इन हिस्सों में आज मानेगा लोहड़ी का पर्व
लोहड़ी का त्योहार वैसे तो 13 जनवरी को ही मनाया जाता है लेकिन मकर संक्रांति की 15 जनवरी को होने के कारण देश के कुछ हिस्सों में 14 जनवरी को तो कुछ हिस्सों में 13 जनवरी को मनाया जाएगा । आज लोहड़ी का त्योहार देश में हरिद्वार, लखनऊ, और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मनाया जाएगा । इसके साथ ही दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी आज ही लोहड़ी का पर्व धूम धाम से मनाया जाएगा ।
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी का विशेष महत्व है । लोहड़ी के दिन वर्ष की सबसे लंबी रात होती है । इसके बाद रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं । लोहड़ी कृषि से जुड़ा त्योहार है, ऐसे में किसानों में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह रहता है । खेतों में अनाज लहलहाने लगते हैं और मौसम अनुकूल होने लगता है । इस दिन पंजाबी लोग नये वस्त्र पहनकर सज- धजकर ढोल गानों पर लोक नृत्य, भांगड़ा करते हैं ।
लोहड़ी की पूजा विधि
लोहड़ी पर एक स्थान पर लकड़ियों को अग्नि दी जाती है ।
इसके बाद सभी लोग अग्नि की परिक्रमा लगाते हैं और सुख- समृद्धि की कामना करते हैं ।
इस दिन लोग खेत- खलिहानों में एकठ्ठा हो कर एक साथ लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं ।
इस दौरान लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं ।
फिर रेवड़ी, गजक आदि वितरित की जाती है ।