
अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी, जीवनी
दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने से पहले अरविंद केजरीवाल एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे है और सरकारी कामकाज में सुधार लाने के लिए संघर्ष करते रहें है। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की स्थापना 26 नवम्बर 2012 को बहुत से सहयोगियों के द्वारा दिल्ली की जंतर मंतर से की थी। जिसमें ये राष्ट्रीय संयोजक रहे। अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी और इनके जीवन जुड़ी रोचक जानकारियों को जानने के लिए इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें.
अरविंद केजरीवाल जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, परिवार
अरविंद केजरीवाल का प्रारंभिक जीवन: केजरीवाल जी का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार शहर में हुआ था। इनका परिवार भिवानी के शिवानी गांव से संबंधित है। वैसे इनका ज्यादा समय उत्तरी राज्यों में गुजरा जो कि सोनीपत, हिसार आदि है। अरविंद केजरीवाल के पिता का नाम गोविंद राम केजरीवाल है जो पेशे से एक इलेक्ट्रीशियन इंजीनियर थे। अरविंद केजरीवाल की माता का नाम गीता देवी है। केजरीवाल घर में सबसे बड़े बेटे है और इनके इलावा इनके छोटी बहन और भाई भी है।
अरविंद केजरीवाल का परिवार और पत्नी :
अरविंद केजरीवाल का वैवाहिक जीवनः- 1993 में आईआरएस के प्रशिक्षण के दौरान इनकी मुलाकात आईआरएस (IRS) अधिकारी सुनीता से हुई। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अरविंद केजरीवाल की पोस्टिंग दिल्ली में हुई और 1995 में इन दोनों ने शादी कर ली। वर्तमान समय में अरविंद केजरीवाल के पास एक बेटा और एक बेटी है। जिनका नाम पुलकित और हर्षिता है।
पिता का नाम | गोबिंद राम केजरीवाल |
माता का नाम | गीता देवी |
भाई का नाम | मनोज |
बहन का नाम | रंजना |
पत्नी का नाम | सुनीता केजरीवाल |
बेटे का नाम | पुलकित |
बेटी का नाम | हर्षिता |
अरविंद केजरीवाल की शिक्षा
इनकी शुरुआती पढ़ाई कैंपस स्कूल, हिसार और क्रिश्चियन मिशनरी होली चाइल्ड स्कूल से हुई। पढ़ाई में होनहार होने के कारण 1985 में इन्होनें आईआईटी (IIT) का इग्जाम दिया जिसमें वह सफल भी हुए। आईआईटी में इन्होनें ऑल इंडिया में 563वां रैंक प्राप्त किया जिसके बाद इनको सफलतापूर्वक आईआईटी खड़गपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला मिला। 4 साल की इंजीनियरिंग को पूरा करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली नौकरी टाटा स्टील जमशेदपुर, बिहार में की। इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए अरविंद ने इस नौकरी को छोड़ा। इस परीक्षा में सफल होने के बाद 1993 में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में शामिल हो गए।
अरविंद केजरीवाल की पसंदीदा चीजें
अगर हम अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत जीवन के बारें में बतायें तो अरविंद केजरीवाल को शतरंज खेलने का बहुत शौक है। अरविंद केजरीवाल को स्केंचिग करना बहुत अच्छी तरह से आता है। इसके इलावा केजरीवाल जी को सड़क किनारे के गोलगप्पे खाना बहुत पसंद है। और चीनी भोजन पसंद करते है। इनको मीठे में जलेबी के शौक़ीन है अरविंद जी।
हिंदी में अरविंद केजरीवाल की जीवनी का अवलोकन:
नाम | अरविंद केजरीवाल |
जन्म की तारीख | 16 अगस्त 1968 |
जन्म स्थान | सिवानी, भिवानी (तहसील), हरियाणा |
जन्मदिन | 16 अगस्त 1968 |
उम्र (Age) | 53 वर्ष |
गृहनगर | हरियाणा |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति (Caste) | वैश्य (बनिया) |
भाषा ज्ञान | हिंदी, अंग्रेजी |
पेशा | भूतपूर्व अफसर, राजनीतिज्ञ (मुख्यमंत्री) |
पॉलिटिकल पार्टी | आम आदमी पार्टी |
हाइट | 5 फुट 5 इंच |
पत्नी का नाम | सुनीता केजरीवाल |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
स्कूल | कैंपस स्कूल, हिसार, क्रिस्चियन मिशनरी हौली चाइल्ड स्कूल, |
कॉलेज या यूनिवर्सिटी | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) |
शैक्षिक योग्यता | मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक – बैचलर डिग्री (B.Tech.) |
अरविंद केजरीवाल राजनीतिक करियर :
जैसा की दोस्तों हमे आपको ऊपर भी बताया की केजरीवाल जी भारतीय राजनीति में आने से पहले एक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी रहे है। एक ऑफिसर का राजनीति में आना इतना आसान नहीं होता। आओ अब हम आपको अरविंद केजरीवाल जी राजनीति में आने का कारण और आम आदमी पार्टी की स्थापना के बारे में बताने जा रहे है।
ऑफिसर से मुख्यमंत्री बनने का सफर:
वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 2013 में दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रचार-प्रसार शुरू किया। जिसके चलते 2013 में आम आदमी पार्टी दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की और केजरीवाल ने शीला दीक्षित को 25000 वोटों से हराया। जिसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी साथ मिलकर 28 दिसम्बर 2013 को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ली। परन्तु 49 दिनों के बाद इन्होनें अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। इस 49 दिनों के कार्यकाल में अरविंद केजरीवाल ने बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती की घोषणा की। मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले सिक्योरिटी वापस लौटाई। लोकपाल बिल इनका प्रमुख मुद्दा रहा जिस पर इनका दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर, विपक्षी दल भाजपा और यहां तक कि समर्थक दल काग्रेंस के साथ गतिरोध बना रहा। लोकपाल मुद्दे पर हुए आंदोलन के कारण अरविंद केजरीवाल को देश में पहली बार जानें गयें। अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे को कानूनी रूप देने के लिए प्रतिबद्ध थे। मार्च 2014 में फिर से अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव सीट में खड़े होने के ऐलान किया। 2014 की लोकसभा चुनाव सीट के लिए अरविंद केजरीवाल ने नरेन्द्र मोदी के वाराणसी सीट से खड़े हुए पर लगभग 3 लाख 70 हजार वोटों से हार गये। साल 2015 में अरविंद केजरीवाल फिर से विधान सभा चुनाव के अपनी पार्टी को खड़ा किया और इस बार आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर अपनी विजय प्राप्त की जिसके चलते दिल्ली की जनता ने तहे दिल से अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया और अरविंद केजरीवाल दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें। इसी प्रकार तीसरी बार साल 2020 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कुल 70 सीटों में 62 सीटों पर अपनी जीत हासिल की और लगातार तीसरी बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनें।
केजरीवाल से जुड़े विवाद और कुछ रोचक जानकारियां:
अरविंद केजरीवाल बायोग्राफी: राजनीति में आने के बाद वाद-विवाद को होना एक आम सी बात है। ऐसी प्रकार अरविंद केजरीवाल के जीवन से कुछ विवाद जुड़े हुए है जिनकी जानकारियां इस प्रकार है:
राजनीति पार्टी बनाने पर विवाद: अन्ना हजारे द्वारा जन-लोकपाल बिल के लिए किये गए आंदोलन को राजनैतिक पार्टी बनाने पर अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल अलग हो गए। केजरीवाल और उनके साथियों ने मिलकर वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की।
पूर्व गवर्नर नजीब जंग से विवाद: यह बात है वर्ष 2015 की, जब अरविंद केजरीवाल ने नजीब जंग पर केंद्र सरकार के कहने के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया, विशेष कर अफसरों के तबादले के मामले पर। उनको काम नहीं करने देने पर पूर्व गवर्नर और केंद्र सरकार पर जम कर आरोप लगाए।
दिल्ली पुलिस के साथ विवाद: जैसा की आप सभी को पता होगा दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत है। इसके कारण अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच तनाव का माहौल बना रहता है। वो आरोप लगते ही की दिल्ली पुलिस उनका आदेश नहीं मानती। इन्होंने अपने एक इंटरव्यू में दिल्ली पुलिस को ठुल्ला तक कह दिया था।
टीवी एड को लेकर विवाद: अरविंद केजरीवाल की पार्टी की तरफ से प्रचार करने के लिए एक टीवी एड निकाला था, जिसमें “वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे” पंक्ति थी। जिसके कारण केजरवाल और केंद्र सरकार के बीच वाद-विवाद हुए।
कुमार विश्वास, प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव के साथ: आम आदमी पार्टी बनने में इन तीनों का भी अहम योगदान है। बाद में इनके और अरविंद के बीच रिश्ते खराब हो गये। और एक-एक कर के पार्टी से अलग हो गए।
वन मैन पार्टी: संस्थापक सदस्यों के साथ विवाद होने पर अरविंद पर अक्सर पार्टी के लोग ही ये आरोप लगाते हैं कि अरविंद पार्टी को किसी लोकतान्त्रिक तरीके के बिना अपनी मर्जी से चलाते हैं और पार्टी से जुड़े कई फैसले अपनी मर्जी से लेते है।
भाई भतीजावाद का आरोप: केजरीवाल जी और इनकी पार्टी पर कई बार भाई- भतीजावाद का विवाद लग चूका है।
पैसो के लिए टिकट बेचने का आरोप: इनकी पार्टी पर कई बार पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगा है। हाला की अभी तक इस बात के कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आये है। राजनीति में तो ऐसे विवादों का होना एक आम बात है।
सम्मान और पुरस्कार :
अरविंद केजरीवाल ने अपने जीवन में कई पुरस्कार भी अपने नाम कियें जो इस प्रकार है:
- 2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
- 2005: ‘सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड’, आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु।
- 2006 – लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, ‘इन्डियन ऑफ़ द इयर’
- 2006 – उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
- 2009: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी (IIT) खड़गपुर।
- 2013: अमेरिकी पत्रिका “फॉरेन पॉलिसी“ 2013 के 100 सर्वोच्च वैश्विक चिंतन में शामिल।
- इसके बाद वर्ष 2014 में विश्व की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन द्वारा विश्व के प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में अरविंद केजरीवाल जी को भी शामिल किया गया।