
ये हैं स्व. हनुमान प्रसाद पौद्दारजी
जिन्होंने गीता प्रेस गोरखपुर की
स्थापना की और कलयुग में सनातन
हिन्दुओ के घर घर मे सनातन शास्त्र
पहुचाने का काम किया।
आज हिन्दुओ के घर मे जो सनातन
शास्त्र की पुस्तकें पहुच रही हैं वो स्व.
हनुमान प्रसाद पोद्दार जी की देन है।
वाकई में सनातनी हनुमान थे हनुमान
प्रसाद पोद्दार जी,इन्होंने जो सनातनियों
को जड़ों से जोड़े रखने का भगीरथी
प्रयास किया और जो गीताप्रेस रूपी
सनातन शक्तिपुंज दिया उसके लिए
हिन्दू समाज हमेशा इनका ऋणी
रहेगा।
ऐसे सनातन रक्षक वीरो को नई पीढ़ी
द्वारा भूलना सिर्फ गलती नही महापाप
होगा।
इन लोगो ने अभावो में रहकर भी
कैसे सनातनी संस्थान खड़े किए
होंगे जो सम्पूर्ण विश्व मे सनातन
शास्त्र पहुचाने वाले संस्थान खड़े किए।
न पैसा न संसाधन फिर भी सनातन
को आने वाली पीढ़ियों तक पहुचाने
के लिए अपना सबकुछ वार दिया
हनुमान प्रसाद पोद्दार जी जैसे सनातन
वीरो ने।
जो नस्ल अपने इतिहास पुरुषो को
भूल जाती है वो नस्ल तबाह हो जाती
है,इसलिए हनुमान प्रसाद पोद्दार जी
जैसे सनातन रक्षक वीरो को कभी मत
भूलो,इन्होंने सनातन संस्कृति की जड़ो
को मजबूत किया है।
कोटि कोटि नमन हनुमान को।
अपने धर्मवीरो को कभी भूलो मत,
ये वो हनुमान थे जिसने सनातन की
जड़ों को फिर से सींचने का काम
किया।
उन्हें हमारा कोटिशः प्रणाम💐
श्रद्धा सुमन अर्पण💐
जय जय श्री राम 🚩🚩